हेलो दोस्तों , मै सेक्स कहानियों को पड़ने का बहुत शुाकिन हूँ, पर मुझे ज्यादातर कहानियां काल्पिनक ही लगती हैं या फिर उन्हें बड़ा चढ़कर लिखा जाता हैं., मैं भी हमेसा से अपने साथ बीती सेक्स घटनाएँ शेयर करना चाहता था पर मुझे लिखने में आलस के कारन लिख नहीं पाता था लेकिन आज सोचा की क्यों न आप सब दोस्तों को अपने साथ हुई घटनाओ से रुबरु करवानो .
मेरा नाम नीरज हैं अभी मैं दिल्ली में रहता हूँ , पर ये कहानी मेरे होम टाउन की हैं और ये कहानी १५ साल पहले की हैं तो कुछ बातें आप को पुराने ज़माने जैसी लगेगी , मेरे पिताजी सरकारी कर्मचारी हैं , और वो जूनियर इंजीनियर की पोस्ट में थे मेरी एक छोटी बहन और माजी हाउस वाइफ हैं.हम सरकारी घर में रहते थे हमारे ब्लॉक में चार घर थे दो ग्राउंड फ्लोर में और दो अप्पर फ्लोर में .इशी तरह के ८ ब्लॉक लाइन से थे. हम ग्राउंड फ्लोर में रहते थे , घर में तीन मुख़्य दरवाजे थे पहला दरवाज दूसरे घर के सामने खुलता था , दूसरा दरवाजा सामने गार्डन के सामने खुलता था और तीसरा बैक के आग्न के बाद रोड पर खुलता था, हमारा बगल वाला घर दो महीने पाहिले खाली हुआ था , वो दादा जी रिटायर हो गए थे. तब मैं १७ साल का था. उस घर में एक कपल रहने आये अंकल की उम्र 40-45 और आंटी की उम्र ३५ के आस पास थी. वो बरेली से ट्रांसफर हो के आये थे तब उत्तरखंड उत्तर प्रदेश में ही था. वो अंकल भी जेइ थे .उनकी ६ साल की बेटा था. आंटी का नाम गोदावरी था और अंकल का नाम जीतेन्द्र प्रसाद था. आंटी की शक्ल रेखा से मिलती थी और रंग बहुत गोरा था, और उनकी मुस्कान बहुत जबदरस्त थी, मुझे उनसे प्यार हो गया था कच्ची उम्र का प्यार, मेरे उनके बारे में कोई गलत विचार नहीं थे.
फिर हमारा उनके घर आना जाना सुरु हो गया मैं अक्सर आंटी और अंकल के साथ कैरम और सतरंज खेला करता था. इसी तरह टाइम बीतता रहा फिर एक दिन मेरे एक दोस्त ने मुझे एक पतली से बुक दिखाई जिसमे अंग्रेज लड़कियों की नंगी पिक्चर्स थी , और उसमे लण्ड , चूत चूसने की, चुदाई की पिक्चर्स भी थी उसे देखे मेरे जिस्म में सिहरन सी दौड़ गई. मैं जब शाम को बाथरूम में गया तो मैंने अपना लण्ड हिलाने लगा और वो बड़ा हो गया और मैंने पहली बार मुट्ठ मारी. अब मैं जब आंटी के साथ कैरम या लूडो खेलता तो मेरी नज़ारे उनके मस्त बूब्स पे चली जाती थी क्योंि घर में अक्सर लूडो खेलते हुए उनका पल्लू नीचे गिर जाता था और वो उसे वापस नहीं रखती थी और मैं पहले खेल में ही ध्यान देता था. पर अब मैं चोरी चोरी उनकी छातियों की गहराई नापने लगा उस समय मुझे अंदाजा नहीं था की बूब्स का क्या साइज था आज कह सकता हूँ ३४ से कम नहीं रहा होगा. ऐसे ही एक दिन उन्होंने मुझे उनकी चुचिया देखते हुए देख लिया वो कुछ बोलने ही वाली थी की रिशु उनका बेटाजो दूसरे रूम में टीवी देख रहा था आ गया और बोला मुझे भी खेलना हैं. और वो बात आई गई हो गई. अब मेरे बोर्ड के एग्जाम ओवर हो गए और मेरी छुट्टियां पड़ गई.
फिर हम दिन में रोज करम या लूडो खेलते थे, लेकिन अक्सर हम दोपहर में दो बजे के बाद खेलते थे और उस समय उनका बेटा रिशु भी घर में रहता था.
एक बार वह बाहर बच्चो के साथ खेलने गया लगभग चार बज रहे होंगे , और हम लूडो खेल रहे थे .मेरा ध्यान आंटी के बूब्स पर जा रहा था आंटी ने फिर देख लिया और बोली क्या देख रहा है लल्ला , वो मुझे लल्ला बोलती थी , और अपने बेटो को भी लल्ला ही बोलती थी मैंने कहा कुछ नहीं, मै घबरा गया और बोला की कुछ नहीं वो बोली मैं कई दिन से देख रही हूँ तू मेरी छाती घूरता रहता है क्या बात है ,मेरे मुह से निकल गया की आंटी वो किताब , आंटी- कैंसी किताब , मैं – कुछ नहीं आंटी , आंटी – बता मुझे , आंटी की आवाज मे कोई गुस्सा नहीं था , तो मैं बोला मेरे दोस्त ने ( मेरा वो दोस्त भी हमारी कॉलोनी मे ही रहता था) एक किताब दिखाई थी ,उसमे वो वो … आंटी – उसमे क्या ? मैं – उसमे नगी औरतो की तस्वीर थी जब से मैंने वो देखि मैं पागल सा हो गया हूँ, और तभी से मैं आपके वो देखता हूँ, आंटी – वो क्या? मैं- आपके दुधु ? आंटी हंसी मम्मे बोल मम्मे
आंटी – इस उम्र मे होता है ये सब कोई बात नहीं, कोई लड़की नहीं पटाई?
मै- नहीं आंटी मैं लड़कियों से बात भी नहीं करता ( और ये सच ही था मैं लड़कियों से बात करने मे बहुत जीजक्ता था). आंटी मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो.
मै- नहीं आंटी मैं लड़कियों से बात भी नहीं करता ( और ये सच ही था मैं लड़कियों से बात करने मे बहुत जीजक्ता था). आंटी मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो.
आंटी- मुझमे ऐंसा क्या है , मै- पता नहीं पर आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो ( हम दोनों bed मे बैठे थे एक दूसरे के सामने , बीच मे लुड्डो था ) आंटी मेरे तरफ एकटक देखते हुए सवाल पूछ रही थी , और उसके चेहरे मे अलग सी ख़ुशी दिख रही थी और उनकी प्यारी प्यारी मुस्कान. उनका पल्लू अभी भी गोदी मे गिरा हुआ था.
आंटी एक बात बोलू आप बुरा तो नहीं मानोगी , आंटी – पहले तू मुझे वो किताब दिखा !! मै- लेकिन आंटी मेरे पास वो किताब नहीं है वो तो दोस्त ने दिखाई थी , मेरे पास नहीं है, आंटी- तो तू कल उससे से मांग के ले आना , मैंने कहा नहीं ल सकता , आंटी – क्यों ? मैं – वो गर्मियों की छुटियों मे गाऊँ गया है
आंटी- अच्छा कोई बात नहीं , तू क्या बोल रहा था लल्ला ? मैं – आंटी मैं आपके मम्मे देखना चाहता हूँ ? आंटी- क्यों ? मै – मन कर रहा है देखने का .. आंटी- अच्छा फिर तुझे भी एक काम करना पड़ेगा लल्ला … आप जो भी बोलो आंटी आपकी बात मैंने कभी टाली है.
आंटी मुस्काई और बोली हां ये तो है लल्ला, मैं बोला आंटी जल्दी दिखाओ कंही रिशु ना आ जाये .. अच्छा दिखातीं हूँ . आंटी ने ब्लाउज के बटन खोलने लगी , ब्लाउज मे आगे की तरफ बटन थे आंटी ने सफ़ेद ब्रा पहनी थी , उन्होंने ब्लाउज के पुरे बटन खोल दिए , पर पूरा ब्लाउज नहीं उतारा, पर सफ़ेद ब्रा मे उसके गोरे गोरे बूब्स क्या मस्त लग रहे थे मन कर रहा था उन्हें मसल दूँ, आंटी बोली बस , मैं आंटी ये क्या पूरा दिखाओ ना , आंटी- नहीं लल्ला इतना ही खाफी है , आंटी plzzz . आंटी बोली अच्छा बाबा , आंटी ने बिना ब्लाउज और ब्रा उतारे ही एक निप्पल ब्रा से बाहर निकाल दिया , मैं तो वो ब्रॉउन निप्पल देख के जैसे पागल सा हो गया , आंटी- लल्ला कैसा लगा मेरे चुचे , मैं – आंटी मस्त है , बहुत ख़ूबसूरत , मन करता है कि.
आंटी मुस्काई और बोली हां ये तो है लल्ला, मैं बोला आंटी जल्दी दिखाओ कंही रिशु ना आ जाये .. अच्छा दिखातीं हूँ . आंटी ने ब्लाउज के बटन खोलने लगी , ब्लाउज मे आगे की तरफ बटन थे आंटी ने सफ़ेद ब्रा पहनी थी , उन्होंने ब्लाउज के पुरे बटन खोल दिए , पर पूरा ब्लाउज नहीं उतारा, पर सफ़ेद ब्रा मे उसके गोरे गोरे बूब्स क्या मस्त लग रहे थे मन कर रहा था उन्हें मसल दूँ, आंटी बोली बस , मैं आंटी ये क्या पूरा दिखाओ ना , आंटी- नहीं लल्ला इतना ही खाफी है , आंटी plzzz . आंटी बोली अच्छा बाबा , आंटी ने बिना ब्लाउज और ब्रा उतारे ही एक निप्पल ब्रा से बाहर निकाल दिया , मैं तो वो ब्रॉउन निप्पल देख के जैसे पागल सा हो गया , आंटी- लल्ला कैसा लगा मेरे चुचे , मैं – आंटी मस्त है , बहुत ख़ूबसूरत , मन करता है कि.
आंटी- क्या मन करता है , मैं- इन्हे छु कर देखूं ,आंटी – मेरे निप्पल चूसेगा , मैं -सच मे आंटी , आंटी – हाँ , मैं तुरंत घुटनो के बल बैठ गया और लूडो के ऊपर ही चढ़ के आंटी के निप्पल को मुह मे ले लिया और उसे छोटे बच्चे कि तरह चूसने लगा आंटी ने मेरा सर पकड़ लिया मेरा एक हाथ अपने आप उसके दूसरे बूब्स को दबाने लगा ब्रा के ऊपर से , मैं अशे ही लगभग १० मिनट तक उसका निप्प्ले चूसता रहा , और एक हाथ ब्रा के अंदर जाकर उसके दूसरे बूब्स को मसलने लगा , आंटी बोली लल्ला दूसरा निप्पल भी चूस , मैं अब उसका दूसरा निप्पल चूसने लगा उसका पहला निप्पल मेरे थूक से पूरा गिला हो गया.
आंटी बोली लल्ला ज़ोर से चूस मैं ज़ोर से चूसने लगा मेरा लण्ड खड़ा होने लग गया मेरे निक्केर मे, आंटी बोली अब तेरी बारी है , मैं बोला बोलो आंटी , आंटी- अब तू दिखा तेरी लुल्ली है या अब जवान लण्ड ? मैं थोड़ा शरमाया आंटी बोली तू खड़ा हो मैं bed मे खड़ा हो गया मेरा निक्केर टेंट बन गया था , आंटी बोली हाय दय्या , ये तो पूरा तन गया है, आंटी ने एक झटके मे मेरा निक्केर और अंडरवियर एक साथ नीचे कर दिया और मेरा खड़ा लगभग ६ इंच का लण्ड आंटी को सलामी दे रहा था.
आंटी बोली लल्ला तू तो पूरा जवान हो गया , आंटी ने मेरा लण्ड हाथ मे पकड़ लिया , जैसे ही उन्होंने मेरा लण्ड पकड़ा मुझे अजीब सी जुरझरी हुई , और मैंने अपना सारा माल आंटी के हाथ मे निकल दिया , आंटी हंस दी बोले अरे ये क्या कर दिया , जवान तो हो गया पर है अनाड़ी, आंटी उठ के गयी और एक कपडा ले के आई और मेरा लण्ड और अपना हाथ साफ़ किया..
आंटी बोली लल्ला अपनी आंटी को चोदेगा, मैं बोला आंटी मैंने कभी नहीं किया , आंटी – वो तो पता चल रहा है, आंटी किचन मे गई और एक कटोरी मे तेल लेके आई , आंटी ने एक पुरानी चादर भी फोल्ड करके बेड़ पर बिछा दी, फिर आंटी मेरे लण्ड को हिलाने लगी थोड़ी देर मे मेरा लण्ड खड़ा होने लगा जब मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया आंटी ने उसमे खूब सारा तेल लगा दिया,आंटी अपने सर के नीचे तकिया लगा के लेट गई आंटी ने साडी और पेटीकोट ऊपर उठा दिया ,पहली बार आंटी कि चूत दिखी , चूत क्या थी बालो का जंगल थी चूत का तो पता ही नहीं चल रहा था , फिर आंटी ने कटोरी से बचा हुआ तेल लिया और अपनी चूत मे लगाने लगी , मे आंटी कि चूत देख रहा था , जब वो तेल लगा रही थी तब मुझे उसकी चूत कि गुलाबी फांके दिखी , मेरा लण्ड और भी टाइट हो गया , आंटी बोली आज़ा लल्ला , चोद अपनी पहली चूत !!!
मैं आंटी के ऊपर आ गया आंटी ने मेरा लण्ड हाथ में पकड़ा और अपनी चूत के मुह में टिका दिया, आंटी बोली लल्ला दे धक्का , मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाया और लण्ड एक ही बार में अंदर चला गया, आंटी – उईई मर गई लल्ला रुक जा!! मैं लण्ड डालके रुक गया, थोड़ी देर बाद आंटी बोली अब लगा धक्के , मैंने लण्ड पीछे किया और फिर धक्का लगाया , तभी किसीने दरवाजा बजाया, और दरवाजे की आवाज़ सुनते ही मैं घबरा गया , मैं बोला कौन होगा आंटी, लगता है रिशु होगा इशे भी अभी आना था – आंटी बोली!!!! मैंने लण्ड बाहर निकला और निक्केर ऊपर की , आंटी ने कहा तू पीछे के दरवाज़े से निकल जा , मैं फटाफट पीछे के दरवाजे से निकल गया, बाद में पता चला कि दरवाजे पे आंटी के माता पिता थे जो गाऊँ से आये थे… मैं सीधा घर जाके बाथरूम में गुस्स गया, और नहाने लगा और नहाते नहाते आंटी कोयाद करके मुट्ठ मारी, फिर अपने अंडरवियर भी धो दिया, तो जैसे पता चला की आंटी की माता पिता आये है तो मेरे अरमानो पर पानी फिर गया , क्योंकी वो दो महीने रहने वाले थे , और मुझे आंटी को चोदने का मौका नहीं मिलने वाला था, और ऐशा हुआ भी क्योंि आंटी की माँ हमेसा घर में ही रहती थी , इस बीच मैंने १२थ पास कर लिया , और मेरा पॉलिटेक्निक में सिलेक्शन हो गया, अगस्त में आंटी के माता पिता गांव चले गए और मेरा अड्मिशन पॉलिटेक्निक में हो गया, पॉलिटेक्निक इंस्टिट्यूट मेरे घर से ४० किमी था तो मैं रोज उप डाउन करता था मॉर्निंग ७.३० पे घर से निकलता था और शाम को ७ बजे तक आता था, इस तरह आंटी से अकेले मिलने का चांस ही नहीं मिल रहा था ,इसी बीच आंटी के पिता का देहांत हो गया और उनकी माता उनके साथ रहने आ गई ,अब तो रही सही आस भी जाती रही ,ऐसे अक्टूबर आ गया , आजकल तो पता नहीं पर हमारे समय में ग्रुप फुटिंग होती थी पूरा इंस्टिट्यूट बंक मारता था एक महीने के लिए, और हमारा भी ग्रुप फुटिंग हो गया मतलब की एक महीने की छुटि.
अब मैं घर पर रहता था तो आंटी के साथ कैरम और लूडो खेलता , पर उनकी माँ घर में ही होती थी तो मौका नहीं मिल पाता था कुछ करने का. तभी हमारे गांव में शादी थी ,और मेरे परिवार को गांव जाना था, मुझे भी जाना था पर मैंने बहाना बना दिया की मुझे फ्रेंड्स के साथ ट्रिप पर जाना है, फिर मेरा परिवार गांव चला गया और मैं घर में अकेला था , दोस्तों मेरे आधे बैच मेटस instiute के पास किराये पर रहते थे , उनके साथ मैंने ब्लू फिल्म देखि थी cd और vcd प्लेयर किराये पे लाते थे, मैं खुस्किस्मत था की मेरे घर में vcd प्लेयर था क्योंकि मेरे पापा जी को गढ़वाली गाने सुनने और देखने का शौक था, तो मैंने सोचा आंटी को चोद्ने का मौका तो मिल नहीं रहा तो क्यों ना ब्लू फिल्म देखकर मुठ मारी जाए , लेकिन मुस्किल ये थी की अपने यंहा मैं ब्लू फिल्म की सीडी किराये पर नहीं ले सकता था क्योंकि ये छोटा सा शहर था और सब एक दूसरे को जानते थे.
तो मैंने आंटी के यंहा नास्ता किया और बस पकड़ कर अपने इंस्टिट्यूट के पास चला गया जन्हा से हम सीडी किराये पर लेते थे , वंहा से दो तीन सीडी किराये पर ले आया , और सोचा आज रात ब्लू फिल्म देखकर मुट्ठ मारूंगा , मैं शाम तक घर वापस आ गया , आंटी ने पूछा कँहा गए थे , मैंने कहा देहरादून गया था दोस्त से मिलने, फिर मैंने आंटी के यंहा रात का डिनर किया और सोने अपने घर आया , फिर बाथरूम से फ्रेश होके बहार आया था किसी ने दरवाजा नौक किआ , देखा तो अंकल थे बोला लल्ला तुम अकेले हो तो मैं तुम्हारे साथ सो जाता हूँ, तुम्हारे पिताजी गए थे बोल कर तुम्हारा ध्यान रखने के लिए , मेरा सारा मूड ऑफ हो गया , मुझे रात भर नींद नहीं आई सुबह तड़के नींद आई जब आँख खुल्ली तो दिन के १२ बज गए थे , फिर मैं नहा धोके आंटी के यंहा गया तो आंटी बोली इतने देर से उठा , अंकल के खराटोँ में नींद नहीं आई होगी , फिर मैंने सीधा लंच किआ , आंटी बोली लूडो खेलेगा मैंने कहा नहीं आज मूड नहीं है मैं लेटने जा रहा हूँ, और मैं अपने घर में आ गया फिर मैंने जल्दी से VCD प्लेयर में सीडी लगाई और दरवाजे बंद करके ब्लू फिल्म देखने लगा.
हमरा टीवी अंदर के रूम में होने के कारन नार्मल वॉल्यूम में आवाज बहार नहीं जाती थी , मूवी देखते देखते मेरा लण्ड खड़ा हो गया ,मूवी में एक लड़की लड़के का लण्ड चूस रही थी और दूसरी लड़की ईश लड़की की चूत चाट रही थी , मैं अपना लण्ड जोर जोर से हिलाने लगा और मेरा लण्ड झड़ गया ,मैं ऐशे ही लेटा रहा और मूवी चल रही थी , अब लड़के ने अपना लण्ड लड़की की चूत में पेल दिए दूसरी लड़की उसके बूब्स चूसने लगी तभी किसी ने दरवाजा नौक किआ , मेरा फिर दिमाग ख़राब हो गया मैंने अंडरवियर से लण्ड साफ़ किआ और बिना अंडरवियर के ही निक्कर पहना, मैंने टीवी ऑफ किया , और दरवाजे पे गया , दरवाजे पर आंटी खड़ी थी आंटी बोली मैं बोर हो रही थी सोचा तेरे साथ गपशप कर लू और आंटी अंदर आ गई , मैंने दरवाजा बंद किया आंटी ने पीले रंग की मैक्सी पहन रखी थी , आंटी बोली क्या कर रहा था लल्ला , मैं बोला आंटी मैंने आपको एक बुक के बारे में बताया था वो बुक तो मैं आपको दिखा नहीं पाया पर मैं आपको कुछ और दिखता हूँ, मैं आंटी का हाथ पकड़ कर टीवी वाले रूम में ले गया.
आज तो मैंने आंटी की अच्छी ठुकाई का पूरा मूड बना लिया था, मैंने आंटी को बैड पर बिठाया , और टीवी ऑन किया , VCD प्लेयर ऑन ही था तो पहले वाली मूवी फिनिश हो गई थी ,अभी दूसरी मूवी स्टार्ट हो गई थी , इस मूवी में ऑफिस में एक अंग्रेज बॉस अपने सेक्ट्ररी से कुछ बात कर रहा था, luckly उस समय कोई नंगा नहीं था, मैंने कहा आंटी आप मूवी देखो मैं आता हूँ, आंटी ने कहा कँहा जा रहा है लल्ला , मैंने कहा पेशाब करके आ रहा हूँ, और मैं बाथरूम में चला गया और अपना लण्ड अच्छे से साफ़ किआ क्योंकि मैं आज आंटी से अपना लण्ड चुस्वाने वाला था, फिर मैं निकर पहन के धीरे से रूम की तरफ गया ,और देखने लगा की आंटी क्या कर रही है, देखा आंटी अपने मैक्सी के ऊपर से अपनी चूत रगड़ रही थी, मैंने टीवी में देखा बॉस खड़ा था और लड़की घुटनो के बल बैठी हुई थी और उसका लण्ड चूस रही थी , उसका टॉप भी उतरा हुआ था और उसके बूब्स मस्त लग रहे थे जिन्हे वो बोस मसल रहा था, फिर बॉस ने उसको टेबल पर बैठाया और उसकी स्कर्ट और पैंटी उतार दी और उसके दोनों पैर फैला के अपनी जीब से उसकी चूत को चोद्ने लगा.
मेरा तो लण्ड फिर से टाइट हो गया पर मैं अंदर नहीं गया , मेरा मन भी कर रहा था की आंटी की चूत चाटूं , पर मैं अभी अंदर नहीं गया आंटी अपनी चूत को रगड़ रही थी ,आंटी बोली अरे लल्ला कँहा रह गया , मैं अंदर गया आंटी मुझे देख के हंसी और बोली कँहा से लाया ये फिल्म , मैंने कभी पहले नहीं देखि, मैंने कहा आंटी मुझे आपकी चूत चाटनी है , आंटी बोली मैंने कभी अपनी चूत नहीं चटवाई पर आज तो मन कर रहा है की तू इसे चाट चाट के झड़ दे , मैंने तुरंत आंटी की मैक्सी ऊपर की और पेटीकोट का नाड़ा खोला और पेटीकोट उतार दिआ आंटी ने मैक्सी भी उतार दी आंटी ने पैंटी नहीं पहनी थी पर वाइट कलर की ब्रा पहनी थी आंटी की चूत पूरा बालों का जंगल थी , मैंने आंटी के पाँव फैलाये और उनकी चूत चाटने लगा पर आंटी के बाल बार बार मेरे मुंह में आ रे थे , मैं बोला आंटी आपके बाल मेरे मुंह में आ रहे है, उसकी लड़की की चूत देखो कितनी चिकनी है, आंटी बोली लल्ला मैंने कभी अपनी चूत के बाल साफ़ नहीं किए तेरे अंकल तो पेटीकोट ऊपर करते है और सीधा लण्ड पेल देते है और १०-१२ धक्के लगा कर अपना माल छोड़ कर सो जाते है.
मैंने कहा अंकल को छोड़ अब मैं हूँ ना तुम्हरी चूत का दीवाना , चलो आज मैं तुम्हारी चूत की सफाई करता हूँ, आंटी बोली क्या मतलब , मैंने आंटी को बाथरूम में लेकर गया ,आंटी केवल ब्रा में थी आंटी का फिगर जवान मौसमी चटर्जी जैसा था क्या मस्त मैंने कैंची निकाली और आंटी के चूत के बाल जितने ट्रिम हो सकते थे किए , आंटी की चूत गीली हो रखी थी , बोली लल्ला मेरे चूत में आग लगी है , मैं बोला थोड़ा रुक जाओ मैं तुम्हारी चूत की आग अपनेमाल से बुझाऊँगा, फिर मैंने आंटी की चूत में साबुन लगाया और झाग बनाया , फिर रेज़र से आंटी के चूत के बाल साफ किए , फिर बोला आंटी अपनी ब्रा उतारो , आंटी की ब्रा उतार कर मैंने टांग दी, फिर मैंने आंटी के बगल के बाल भी साफ़ कर दिए , फिर मैंने अपने भी पुरे कपडे उतार दिए और फिर मैंने शॉवर ऑन कर दिआ , और आंटी को शावर के नीचे खड़ा कर दिआ , आंटी की चूत पानी से धूल कर चमक गई , आंटी शावर के नीचे इतनी मस्त लग रही थी की , मेरा लण्ड आंटी को सलामी देने लगा , आंटी ने भी अपनी चूत देखि तो दंग रह गई , अरे लल्ला तूने तो कमाल कर दिआ.
मैंने कहा फिर मेरा इनाम दो , आंटी बोली क्या चाहिए लल्ला ,मैं बोला मेरा लण्ड चाट कर चमका दो, अरे लल्ला ये तो मैं खुद ही चाटने वाली थी फिल्म देख कर तो मेरे जज्बात भड़क गए, और आंटी घुटनो के बल आ गई मैंने शावर स्लो कर दिआ पर बंद नहीं किआ ताकि पानी की बुँदे उसके सर में और मेरे लण्ड पर पड़ती रहे और मैं जल्दी ना झंडू ,आंटी बोली मैंने कभी पहले नहीं चूसा , मैं बोला बस आइस क्रीम या लोलीपोप समझो इसे , फिर आंटी ने अपनी जीब मेरे लण्ड की टिप पर लगाई तो मुझे ऐशा लगा को ४४० का झटका , मत पूछो दोस्तों क्या फीलिंग थी, आंटी धीरे धीरे मेरा लण्ड चूसने लगी मैंने आंटी का सर पकड़ लिए ऊपर से पानी की बूंदे गिर रही थी जैसे गरम तवे पर ठंडी पानी के छींट, कभी आंटी मेरे लण्ड को झड़ तक जीब से चाटती, आंटी ने शायद मूवी बड़े ध्यान से देखि थी, फिर आंटी लण्ड को जोर जोर से चूसने लगी मैंने भी उनका सर टाइट से पकड़ कर आगे पीछे करने लगा, मैं झड़ने वाला था पर मैंने आंटी को नहीं बताया , और मैं ओ आह करने लगा और मैं आंटी के मुंह में झड़ गया , आंटी ने अपना मुंह हटाने की कोशिस की पर मैंने आंटी का मुह कस के लण्ड पर झकड लिए तब तक जब तक आखिरी बूँद आंटी के मुंह में नहीं गिर गई.
फिर जैसे ही मैंने आंटी का मुंह छोड़ा , आंटी ने उलटी कर दी, और रोनी से सूरत बना के बोली क्या लल्ला बहार नहीं गिरा सकता था , फिर आंटी ने कुल्ला किआ, और टॉवल से अपने को पोंछा और बोली मैं जा रही हूँ, मैं मुस्करा कर बोला ऐसे ही नगी जाओगी कपडे तो पहन लो फिर आंटी रूम में गई जन्हा टीवी पर मूवी एंड हो गई थी, मैं आंटी के पीछे रूम में गया और आंटी को पीछे से पकड़ लिआ ,और उसकी गर्दन पर किश करने लगा, आंटी बोली छोडो मुझे , मैं आंटी को पीछे से चूमते चूमते उनकी गांड तक पहुँच गया और नीचे से उनकी चूत में जीब लगा दी. उनकी चूत फिर से गीली थी ,आंटी भी कुतिआ की तरह झुक गई ,आंटी को भी तो प्यास बुझानी थी , फिर मैं आंटी की चूत जीब से चोदने लगा आंटी अपनी आवाज को दबाने की कोशिस कर रही थी शायद उन्हें ऐसी ही आदत थी, मैंने अचानक उन्हें चोदना बंद किआ आंटी बोली क्या हुआ लल्ला रुक क्यों गया , मैंने बोला आप कुछ बोलो तो मुझे भी मज़ा आएगा , आंटी बोली चोद लल्ला अपनी जीब से चोद मुझे आह ,मैंने फिर जीब से आंटी की चुदाई सुरु करदी.
आंटी हाँ लल्ला चोद मुझे , चोद आह आह आह आह मैं झड़ने वाली हूँ हाँ लल्ला , हाँ चोद आह आह . …..आह ….आह और आंटी झड़ गई उनकी चूत का पानी मस्त लग रहा था, फिर आंटी बिस्तेर में निढाल सी लेट गई उनकी आँखों कीचमक बता रही थी की आंटी को बहुत मजा आया , मैं भी आंटी के बगल में लेट गया ,आंटी कैसा लगा ,आंटी बहुत मजा आया. मैं बोला अभी तो असली मजा बाकि है, फिर मैं उठा और प्लेयर में दूसरी सीडी लगा दी, मूवी लगा के मैं फिर आंटी के बगल में लेट गया , इस मूवी में एक नीग्रो था और लड़की भी ब्लैक थी, मूवी की ज्यादा डिटेल में ना जाते हुए मैं आंटी पर आता हूँ, मैं आंटी को देख रहा था और आंटी मूवी ध्यान से देख रही थी, मैंने आंटी के बूब्स चूसने स्टार्ट कर दिए और आंटी ने मुझे रोका भी नहीं, मैंने आंटी का हाथ अपने लण्ड पर रख दिआ और आंटी मेरे लण्ड को सहलाने लगी एक ब्लू फिल्म की खुमारी और दूसरा आंटी के कोमल हाथो कास्पर्श ,मेरा लण्ड फिर खड़ा होने लगा ,मैं आंटी को बोला थोड़ा चूस दो , आंटी बोली तू फिर मेरे मुंह में झड़ देगा.
नहीं अब तो मुझे आपकी चूत चोदनी है बस चूस कर इसे और टाइट कर दो ताकि आपकी चूत को और मज़ा आये , आंटी बोली ठीक है पर एक बात सुन जब तू मेरे साथ चुदाई करेगा तब तू मुझे तू बोला कर ये आप आप सुनकर अजीब लगता है, मैं बोला ठीक है अब तू मेरा लण्ड चाट , और आंटी मेरा लण्ड चाटने लगी और मैं उनके बूब्स दबाने लगा,थोड़ी देर में मेरा लण्ड फिर टनाटन हो गया , उधर मूवी में नीग्रो सोफे पर बैठा था और लड़की उसके लण्ड पर उछल रही थी, मैं बोला आंटी तू भी मेरे लण्ड के ऊपर बैठ जा आंटी बोली ठीक है , मैंने अपने सर के नीचे दो तकिये लगाये मेरा लण्ड सीधा छत की ओर तना हुआ था आंटी मेरे लण्ड पर बैठ गई और एक ही बार में मेरा पूरा लण्ड आंटी की चूत में समां गया और आंटी चिल्ला पड़ी, उई माँ मर गई , कोई नई तुझे अभी मज़ा आएगा , और आंटी थोड़ी देर रुक के फिर लण्ड पर ऊपर नीचे करने लगी आह लल्ला बहुत मज़ा आ रहा है , जब आंटी ऊपर नीचे हो रही थी तो उसके उछलते बूब्स बहुत मस्त लग रहे थे , ऐसे ही आंटी १० मिनट्स तक उचललती रही और बोली लल्ला मुझे हो रहा है मुझे हो रहा है .
मैं झड़ गई और आंटी मेरे ऊपर लेट गई , मैं पहले दो बार झड़ चूका था इसीलिए मैं अभी नहीं झड़ पा रहा था, आंटी तू तो झड़ गई अभी मेरा क्या ,आंटी मैं नीचे लेट जाती हूँ तू मुझे ऊपर से चोद दे, फिर आंटी लेट गई मैंने आंटी के पांव फैलाये और अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिआ, और धक्के देने लगा साथ ही साथ आंटी के बूब्स भी चूसता , पर आंटी कोई रिस्पांस नहीं कर रही थी तो मुझे अच्छा नहीं लग रहा था तो मैं गुस्से में अपना लण्ड जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा आंटी चिल्ला पड़ी मार डालेगा क्या पर मैं रुक्का नहीं मैंने अपने मुंहसे आंटी का मुंह दबा दिया और आंटी के होंटो चूसने लगा साथ साथ ही जोर जोर से धक्के देने लगा थोड़ी देर में आंटी भी अपने चूतड़ हिलाने लगी , उससे फिर से जोस आ गया था , फिर मैंने आंटी के होंट छोड के अपनी कमर सीधी की और आंटी के घुटनो के नीचे से दोनों हाथ डाल कर उनके पांव ऊपर उठाए और ज़ोर ज़ोर से चोद्ने लगा.
हाँ लल्ला चोद, चोद मुझे हाँ आंटी ले मेरा लण्ड ये ले कमरे में ब्लू मूवी की आवाज मेरे और आंटी के टकराने की और ओह हां चोद की आवाजे आ रही थी, थोड़ी देर में आंटी मैं झड़ने वाली हूँ मैं भी झड़ने वाला हूँ और हम दोनों एक साथ झड़ गए , फिर हम १५ मिनट्स ऐसे ही लेते रहे मैं आंटी के ऊपर , फिर हम बाथरूम गए और नहाये , मन तो कर रहा था की आंटी को फिर से बाथरूम में चोद दूँ पर टाइम भी बहुत हो गया , फिर आंटी ने अपने कपडे पहने और बोली ये दिन मैं पूरी ज़िन्दगी नहीं भूलूंगी , अच्छा अब चलती हूँ माँ का चाय का टाइम हो गया है तू भी आ जा चाय पीने, तभी वो बोली तेरे अंकल को क्या बोलूंगी इस चिकनी चूत के बारे में, मैंने बोला बोल देना खुजली हो रही थी इसलिए साफ़ कर दी, और आंटी हंस पड़ी.
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