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भाभी को मैंने चोदा

| Friday, 15 July 2016
हेलो, फिर से आपके सामने एक नई स्टोरी लेके आया हु. पहले स्टोरी में आप लोगो का अच्छा रिप्लाई आया. टाइम ना बर्बाद करते हुए, स्टोरी पे आता हु. मेरा नाम हर्ष है २४ का हु और दिल्ली में रहता हु. मुझे ये कहते हुए फक्र है, कि आज तक जिस भी भाभी या आंटी या गर्ल को मैंने चोदा है, वो मुझसे बार- बार चुदवाने के लिए लालायित रहती है. ये कहानी मेरे फ्रेंड की बड़ी बहन की है जो मुझसे ६ साल बड़ी थी. उन्होंने ही मुझे चोदना सिखाया. जब मैं १८ साल का था, तो मैं अपने दोस्त के यहाँ अक्सर ग्रुप स्टडी के लिए जाया करता था. जब भी हम लोगो के एग्जाम होने वाले होते थे, तो मैं उसके ही घर पर रात को रुक जाया करता था, क्युकि हम लोग देर रात तक पढ़ते थे और मेरे घर में मेरी पढाई नहीं हो पाती थी. उसकी बड़ी बहन हमें मैथ पढ़ाती थी, उनका नाम प्रिया था और वो २४ साल की गोरी, मस्त फिगर वाली माल थी. बड़े-बड़े चुचे, मोटी गांड और क्या मस्त फिगर था उनका. बट उस समय मुझे इन सब बातो के बारे में कुछ मालूम नहीं था.
एक दिन, मैं ज्यादा रात होने की वजह से उसके ही घर पर रुक गया था और उसके मम्मी-पापा अलग रूम में सोये थे. मैं, मेरा दोस्त एंड उसकी बड़ी बहन तीनो एक साथ डबल बेड पर सोये थे. अचानक रात में, मेरी नीद खुली तो मैं सुसु करने बाथरूम जाने लगा. जैसे ही मैं बाथरूम में गुसा, तो देखा मेरी नीद एकदम से उड़ गयी. प्रिया दीदी बाथरूम में फर्श पर नंगी लेटी थी और अपनी ऊँगली से अपनी चूत को सहला रही थी और मसल रही थी. मैं नीद में चलते हुए गया था, उन्हें इस तरह देखा तो मैं उन्हें सॉरी बोल कर वापस आ गया. वो भी बाथरूम से बाहर आ गयी और मुझे देखकर कुछ नहीं बोली और बिस्तर पर लेट गयी. मैं सुसु करने चला गया. दुसरे दिन, जब मैं सोकर उठा, तो अपने घर चले गया और घर जाके रात के बारे में सोचने लगा, कि आखिर दीदी कर क्या रही थी? उनके नंगे बदन के बारे में सोचते ही, मेरा लंड खड़ा होने लगा था और कब मेरा हाथ उस तक पहुच गया, मुझे पता ही नहीं चला और मैंने उसे हिलाना शुरू कर दिया. कुछ देर बाद, उसमे से जोरदार पिचकारी के साथ वाइट-वाइट कुछ निकला, थोडा दर्द हुआ, लेकिन मज़ा भी आ गया.
फिर मैं लंच करके सो गया. शाम को मैं फिर से उस दोस्त के यहाँ गया और वहीँ रुक गया. मैं दीदी पर ही नज़र डालकर उन्हें घुर रहा था, वो भी मेरी इस हरकत को नोटिस कर रही थी. कुछ दिन ऐसे ही चले. फिर एकदिन, मेरे दोस्त के घर पर कोई नहीं था. दीदी ने मुझे बुलाया और मैं चले गया. फिर उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और कहाँ बैठ, मैं कुछ खाने को लेकर आती हु. मैंने कहा मेरा पेट फुल है और मैं कुछ नहीं लूँगा. फिर वो मेरे पास आके बैठ गयी और हम टीवी देखने लगे. फिर वो मुझसे बोली – तू मुझे आजकल इतना क्यों घूरता है. मैंने बोला, नहीं तो दीदी; ऐसा तो कुछ भी नहीं है. तो वो बोली, मुझे सब कुछ पता है. चल अच्छा ये बता, उस दिन रात में जो तूने देखा. किसी को बताया तो नहीं? मैं बोला – क्या देखा? वो बोली – जब तू सुसु करने आया था और जो तूने देखा, वो. तो मैं बोला – अच्छा वो. नहीं किसी को नहीं बताया. तो वो बोली – एक बात बोलू. मैंने बोला – हाँ दीदी, बोलो. वो बोली – अगर हम कुछ करे, अच्छा वाला. बहुत मज़ा आएगा, उसमे. लेकिन तू प्रोमिस कर, किसी को कुछ नहीं बोलेगा. मैंने बोला – ठीक है. नहीं बताऊंगा प्रोमिस.
वो मेरे मेरे पास आई और मुझसे बोला – अपने कपडे उतार अच्छा. मैंने कहा – नहीं, मुझे शर्म आती है. तो वो बोली – पागल है तू. देखा इतनी ही देर में वो अपने सारे कपडे उतारके नंगी हो गयी और मैं उसे देखता ही रह गया. फिर वो बोली – चल, अब तू भी कपड़े उतार. मैंने भी जोश में आकर अपने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया. मेरा लंड देखकर वो बोली, छोटा है तेरा लंड. बट काम करेगा. फिर उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको हिलाने लगी. मुझे मज़ा आने लगा था. फिर, वो नीचे अपने घुटनों पर बैठ गयी और अपने हाथ से मेरे लंड को मसलते हुए, उसने मेरे लंड को अपने मुह में ले लिया. जैसे ही मेरा लंड उसके मुह में गुसा. मैं तो मस्ती में पगला ही गया. वो मस्ती में मेरा लंड चूस रही थी और मेरा शरीर उतेजना में हिलने लगा था.
अब अब तेल ले आई थी. उसने मेरे लंड पर तेल लगाकर मालिश करने लगी. बहुत देर मालिश करने के बाद, वो बोली दूध पिएगा. मैं बोला – हाँ. फिर उन्होंने मुझे अपने पास खीचा और अपने दूध पकड़कर मुझे पिलाने लगी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. क्या सॉफ्ट थे, एकदम फोम की तरह. मैं उन्हें दबा-दबा कर चूसने लगा. वो अहहहहहः अहहहहः की आवाज़े निकालने लगी और बोली और जोर से चूस और जोर से दबा. मैंने अपनी पूरी ताकत से उनके दूध दबाने शुरू कर दिए. वो पुरे लाल पड़ चुके थे. फिर वो बोली – चल नीचे चाट. मैंने बोला – किसे? उन्होंने अपनी टांग फैला ली और चूत खोल दी. क्या चूत थी, एकदम पिंक. लगा रहा था, कि खून टपक रहा हो. फिर वो बोली – चल चूस. मैं चूसने लगा. मुझे टेस्ट अच्छा नहीं लगा बट मैं चूसता रहा. थोड़ी देर बाद, मुझे नमकीन स्वाद मिला. तब मुझे मज़ा आने लगा चूसने में अहहहः हहहः .. क्या मज़ा आ रहा था. अब दीदी भी आवाज़े निकाल रही थी अहहहः आआआ ह्ह्हह्ह्ह्ह आहाहहहहः और तेज और तेज …. अब हम दोनों थकने लगे थे. फिर वो बोली, अब ये जो तेरा लंड है, इसे इस छेद में डाल दे. मैं बोला – ठीक है. फिर मेरा लंड पकड़कर उसने अपने छेद में लगाया और मुझे जोर से अपनी तरफ खीचा. मेरा लंड तेल की मालिश के बाद पूरा चिकना हो चूका था, तो एक ही बार में पूरा अन्दर चले गया. आआआआआआआ वो बोली – आहाहहहः …मज़ा आ गया मुझे तो. मानो मैं तो जन्नत में पहुच गया हु. मेरे लंड पर गरम- गरम लगा रहा था. कितना अच्छा लग रहा था, आपको बता नहीं सकता. क्या मस्त सीन था और फिर वो धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगी मुझे. मुझे और भी ज्यादा मज़ा आने लगा था.
फिर थोड़ी देर बाद, वो बोली – तू लेट जा और मैं तेरे ऊपर आती हु. वो मेरा लंड अपनी चूत में डालकर मेरे ऊपर बैठ गयी और खूब तेजी से कूदते हुए, अपनी चूत को मेरे लंड पर ऊपर नीचे करने लगी. बड़ा मज़ा आ रहा था मुझे. पुरे कमरे में फच फच फच की आवाज़े गूंज रही थी. फिर कुछ देर बाद, मज़ा ख़तम हो गया और मेरा वाइट- वाइट निकल गया. आपको बता नहीं सकता, जब वो निकला कितना गरम था. फिर वो थोड़ी देर तो ऊपर नीचे करने लगी, तो मेरी सुसु निकल गयी उनके अन्दर. वो बोली – ये क्या कर रहे हो? मैं बोला – सुसु आ गयी. तो वो बोली – झड़ गये क्या? मैंने कहा – हाँ, वाइट – वाइट निकल गया. वो बोली – बता नहीं सकते थे. तो मैंने कहा – पता ही नहीं चला. वो बोली – मुठ नहीं मारते क्या? मैं बोला – नहीं. वो बोली – तभी छोटा है तेरा. कोई नहीं, मैं बड़ा कर दूंगी तेरा लंड. फिर वो मेरे लंड को मुह में लेके चूसने लगी. उस दिन उनकी दो बाद और चुदाई की और फिर क्या था. अब तो अक्सर मैं उनकी चुदाई करता और उन्होंने भी अपनी चुदाई से मेरे लंड को हथोडा बना दिया.

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